Saturday 13 June 2015

मरने पर ही स्वर्ग दिखना

एक बुन्देलखण्ड का प्रचलित मुहावरा है,"अपने मरै सरग दिखाई परै" यानि अपने मरने पर ही स्वर्ग के दर्शन होते है । इस मुहावरे का एक आध्यात्मिक अर्थ भी है और वह यह कि जो अपने को मार देता है यानि अपने अंहकार को समाप्त कर देता है, उस को स्वर्ग में प्राप्त होने वाला आनन्द सहज में ही तुरन्त प्राप्त हो जाता है । बच्चों को लाख मना कीजिए कि वह अग्नि से दूर रहें,पर जब तक वह एक बार जल नहीं जाता,नहीं मानता । यानि आप दूसरों के द्वारा दिये गये ज्ञान को तब तक नहीं स्वीकारते,जब तक वह आपके अनुभव में नहीं उतरता । 

बुन्देलखण्ड का एक मुहावरा और है,"सौ-सौ जूता खांय,तमाशा घुस कै दैखैं"यानि सौ-सौ जूते खाने के बाद भी आदमी भीड़ में घुसकर तमाशा देखता है । इसका आध्यात्मिक अर्थ यह हुआ कि यह सारा संसार प्रभु का तमाशा ही तो है पर इस तमाशे को व्यक्ति लाखों परेशानियों  के बावजूद देखना चाहता है । लोग लाख समझाएँ कि यह सारा तमाशा क्षणिक है,नश्वर है पर जब तक व्यक्ति अपनी आँखो से नहीं देख लेता यानि अपने अनुभव में नहीं ले आता, उस पर विश्वास नहीं करता ।

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