धड़कन बसती है दिल में औ हर दिल में तुम बसते हो
ढूँढ़ रहा था तुमको,मैं,भी, मन्दिर,मस्जिद,गुरुद्वारों में
ढूँढ़ रहा था तुमको,मैं,भी, कीर्तन,सबद, अजानो में
भूल गया था,बसते हो,तुम,दीनों की करुण पुकारो में
भक्ति बसती है सबरी में औ सबरी के बेरों में तुम रमते हो
जीवन बसता है सॉंसो में औ हर सॉंस में तुम बसते हो
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