Monday 20 July 2015

पीर पर्वत सी सयानी हुई है

पीर पर्वत सी सयानी हुई है
शब्द बौने हैं नहीं कह पायेगें

मन घिरा है राग के सैलाब में
वैरागी गीत हम नहीं गा पायेगें

ज़िन्दगी बंध में जकड़ी  हुई है
निर्बंध प्रभु आप ही कर पायेगें









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