सर्वे भवन्तु सुखिनः
ram sita ram sita
Tuesday, 21 July 2015
मैं खड़ा हूँ
जीवन
नदी के
जल सा
निरन्तर
सरकता
जा रहा है
मैं
नदी के
तट पर
खड़ा हूँ
एकदम
अकेला
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