जिन गीतों में, तेरा नाम न होगा,गीत नहीं मैं वह गाऊँगा
जिन राहों में, तेरा धाम न होगा,राह नहीं मैं वह जाऊँगा
अाती-जाती इन साँसों में, तुझको ही पाया है, मैंने
कबिरा, तुलसी के दोहों में, तुझको ही गाया है, मैनें
जिन बाँहों में, मेरी बॉंह न होगी,बॉंह नहीं मैं वह चाहूँगा
जिन राहों में, तेरा धाम न होगा,राह नहीं मैं वह जाऊँगा
अाती-जाती इन साँसों में, तुझको ही पाया है, मैंने
कबिरा, तुलसी के दोहों में, तुझको ही गाया है, मैनें
जिन बाँहों में, मेरी बॉंह न होगी,बॉंह नहीं मैं वह चाहूँगा
जिन गीतों में, तेरा नाम न होगा,गीत नहीं मैं वह गाऊँगा
जिन राहों में, तेरा धाम न होगा, राह नहीं मैं वह जाऊँगा
तुमने तो कब का चाहा था,मैं ही तुमको समझ न पाया
माया ने अपने संग रकखा,मन ने भी मुझको ख़ूब नचाया
पीछा कुछ-कुछ छूट रहा है, जाकर फिर से नहीं फँसूँगा
जिन गीतों में, तेरा नाम न होगा,गीत नहीं मैं वह गाऊँगा
तुमने तो कब का चाहा था,मैं ही तुमको समझ न पाया
माया ने अपने संग रकखा,मन ने भी मुझको ख़ूब नचाया
पीछा कुछ-कुछ छूट रहा है, जाकर फिर से नहीं फँसूँगा
जिन गीतों में, तेरा नाम न होगा,गीत नहीं मैं वह गाऊँगा
जिन राहों में, तेरा धाम न होगा, राह नहीं मैं वह जाऊँगा