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(जिन्हें स्मरण करने से सब कार्य सिद्ध होते हैं,जो गणों के स्वामी और सुन्दर हाथी के मुख वाले हैं,वे ही बुद्धि के राशि और शुभ गुणों के धाम (श्री गणेशजी) मुझ पर कृपा करें)
आज इन्हीं बुद्धि राशि गणेश जी के जन्म दिन पर,आप सब को ढेर सारी शुभकामनाएँ ।
मूषक वाहक गणेश जी हम सबको एक संदेश देते हैं, जिसे यदि हम ग्रहण कर सकें तो जीवन आनन्दानुभूति से हमेशा आप्लावित रहे ।
बाह्य दृष्टि से देखने में यह बड़ा विचित्र सा लगता है कि विशालकाय गणेश का वाहन,छोटा सा मूसक (चूहा) है । इसका प्रतीकात्मक अर्थ यह है कि मूसक, मन का प्रतीक है । मन हर समय संकल्प-विकल्प करता रहता है,यानि कि बहुत चंचल होता है ।"चंचलम् हि मन: कृष्ण प्रमाथि बलवदृणम्,तस्याहम् निग्रहम् मन्ये वायोरिव स दुस्करम्"--गीता । इसी मन की भाँति चूहा भी बहुत चंचल होता है । वह हर समय कुछ न कुछ कुतरता ही रहता है । उसके दाँत इतने तेज़ी से बढ़ते हैं कि यदि वह हर समय कुछ न कुछ कुतरना छोड़ दे तो उसके दाँत,उसके जबड़ों को तोड़कर बाहर आ जाएँ ।
यही स्थिति हमारे मन की भी हैं । यदि इस मन रूपी चूहे पर बुद्धि रूपी गणेश का नियंत्रण न हो तो मन हमारा सर्वनाश कर दे ।
आज उनके जन्मदिन पर यदि हम यह संकल्प लें कि हमारे मन पर हमारी बुद्धि का नियँत्रण,हम हमेशा बनाए रक्खेगें तो हमारा जन्मदिन मनाना सार्थक होगा अन्यथा नहीं ।