तुम्हारे प्रश्नों का जवाब तो जिन्दगी दे देगी पर जब जिन्दगी तुमसे पूंछेगी कि मैं तो खुदा की इनायत बनकर तेरे पास आई थी कि तू खुदा की इस इनायत का लाभ उठाकर,अपने को इतना ऊपर उठा ले कि खुदा को खुद तेरी मर्जी पूंछनी पड़े ।
"खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर के पहले खुदा बंदे से खुद पूँछे बता तेरी रजा क्या है ?"
पर तूने क्या किया खुदगर्ज ? अपनी अतृप्त वासनाओं को पूरी करने के लिए खुदा की इस बेहतरीन इनायत को खामख़ा जायज कर दिया । जिन्दगी के इस सवाल का है कोई जवाब तेरे पास ?
"खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर के पहले खुदा बंदे से खुद पूँछे बता तेरी रजा क्या है ?"
पर तूने क्या किया खुदगर्ज ? अपनी अतृप्त वासनाओं को पूरी करने के लिए खुदा की इस बेहतरीन इनायत को खामख़ा जायज कर दिया । जिन्दगी के इस सवाल का है कोई जवाब तेरे पास ?